सिमडेगा:सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र के पालकोट के डहुपानी पंचायत स्थित कसीदार में सरहुल पूजा का आयोजन धूमधाम के साथ किया गया। कार्यक्रम में सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा भी अपनी धर्म पत्नी सह जिप सदस्य जोसिमा खाखा के साथ शामिल हुए। साथ ही लोगों को सरहुल पूजा की बधाई देते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। विधायक ने कहा कि सरहुल पर्व प्राकृतिक प्रेम के साथ आपसी सद्भाव का भी प्रतीक है। जिसमें हमारे पूर्वजों के द्वारा धरती व प्राकृतिक पूजा कर एक दूसरे के साथ खुशियां बांटते आए हैं। सरहुल का मनुष्य और प्रकृति के बीच गहरा संबंध है। सरहुल का वास्तविक अर्थ पेड़ों और प्रकृति की पूजा करना है। इस त्यौहार में निहित संदेश यह है कि प्रकृति के बिना मानव जाति का अस्तित्व नहीं है। उन्होंने कहा कि सरहुल मानव जाति को प्रकृति की रक्षा करने का संदेश देता है। आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती का सामना कर रहा है। इस बीच सरहुल का प्रकृति की रक्षा का संदेश बहुत महत्वपूर्ण है। विधायक ने कहा कि आज सरहुल के मौके पर आप सभी पूरी ईमानदारी के साथ यह संकल्प लें कि हम सब मिलकर पेड़ पौधे को बचाएंगे। उसको सुरक्षित रखेंगे।कार्यक्रम मे सरहुल पूजा समिति अध्यक्ष जगरनाथ तिर्की,सचिव रंथु खरिया,उपाध्यक्ष सोमनाथ खरिया,कोषाध्यक्ष विकास खड़िया,अनुज सोरेंग, पैरु उरांव,संरचक रेशमी देवी, बिरस तुरी,बुधनाथ उरांव, रति खड़िया अनीता बिलुंग,मीना उरांव,राधा देवी आदि उपस्थित थे।
सरहुल मानव जाति को प्रकृति की रक्षा करने का संदेश देता है: विधायक भूषण बाड़ा
